महाराष्ट्र सरकार द्वारा मोटर टैक्स में वृद्धि की घोषणा के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयरों पर भारी प्रभाव पड़ सकता है। जिससे EV सेक्टर की पाँच कंपनियां बेहतरीन प्रदर्शन कर सकती हैं। आइए देखें कौनसी हैं ये कंपनियां और कब तक इनके शेयर लंबी छलांग लगा सकते हैं।
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फरवरी 2025 में भारत में EV की बिक्री में गिरावट देखी गई, जिसमें केवल 8,968 यूनिट्स बिकीं, जबकि पूरा EV बाज़ार वित्तीय वर्ष 2025 में 20 लाख यूनिट्स का लक्ष्य लेकर चल रहा है। दूसरी ओर, CNG वाहन अभी भी एक लोकप्रिय बने हुए हैं। EV वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए अधिक प्रयासों की जरूरत है, क्यूँकी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चुनौतियाँ भी बनी हुई हैं। इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने CNG और PNG से चलने वाले चार पहिया वाहनों पर 1% मोटर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है, जिससे राज्य को अगले वित्तीय वर्ष में 150 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।
इस फैसले से जिन कंपनियों के शेयर प्रभावित हो सकते हैं, उनमें हैं: मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हुंडई मोटर इंडिया और बजाज ऑटो शामिल हैं।
- मारुति सुजुकी का मार्केट कैप 3.64 लाख करोड़ रुपए है, और इसके शेयर 11,621 रुपए पर ट्रेड कर रहे थे, जो पिछले बंद भाव से 0.46% अधिक था।
- टाटा मोटर्स, जिसका मार्केट कैप 2.37 लाख करोड़ रुपए है, उसके शेयर 645.50 रुपए पर कारोबार कर रहे थे, जो 0.37% कम था।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा का मार्केट कैप 3.30 लाख करोड़ रुपए है और इसके शेयर 2,656 रुपए पर थे, जो 2% की गिरावट दर्शा रहे थे।
- हुंडई मोटर इंडिया के शेयर 1,659.80 रुपए पर थे, जो 1% कम थे।
- बजाज ऑटो का मार्केट कैप 2.07 लाख करोड़ रुपए है और इसके शेयर 7,419.80 रुपए पर थे, जो 0.49% की बढ़त दिखा रहे थे।
वर्तमान में, इन वाहनों पर मोटर टैक्स 7% से 9% के बीच है, जो वाहन और उसकी कीमत पर निर्भर करता है। इसके अलावा, EV पर भी नया टैक्स लगाया गया है, जिसमें 30 लाख रुपए से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6% अतिरिक्त टैक्स लगाया जाएगा। इस टैक्स से वित्तीय वर्ष 2026 में 170 करोड़ रुपए जुटाए जाने का अनुमान है। इसके साथ ही, कंस्ट्रक्शन और लाइट गुड्स वाहनों पर 7% मोटर वाहन कर लगाया गया है, जिससे महाराष्ट्र को 625 करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई होने की संभावना है।
ये सभी टैक्स दरें 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगी, जब नया वित्तीय वर्ष शुरू होगा। इसके अलावा, ऑटोमोबाइल उद्योग पहले से ही आर्थिक मंदी, उपभोक्ता धारणा में गिरावट, इनवेंट्रि के बढ़ने और बैंकों द्वारा सतर्क लोन देने के चलते प्रभावित हो रहा है। ऐसे में, यह नई टैक्स नीति वाहन निर्माताओं के संचालन को और अधिक प्रभावित कर सकती है, जिससे मांग में और गिरावट देखने को मिल सकती है। यह स्पष्ट है की महाराष्ट्र सरकार के इस नए टैक्स फैसले का असर EV और CNG वाहन निर्माताओं पर पड़ेगा, जिससे उनकी लागत और बजाज की मांग पर असर हो सकता है।