Airtel SpaceX Partnership: एक्सपर्ट्स ने कहा समय की बर्बादी है ये प्रोजेक्ट!

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भारती एयरटेल ने सभी को चौंकाते हुए Airtel SpaceX Partnership की घोषणा की है। उसने Elon Musk की कंपनी स्पेसएक्स के साथ एक महत्वपूर्ण समजौता किया है। इस समझौते के तहत, एयरटेल के ग्राहक अब भारत में स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे। यदि स्पेसएक्स को भारत में स्टारलिंक सेवाएं बेचने की अनुमति मिल जाती है, तो एयरटेल अपने रीटेल स्टोर्स पर स्टारलिंक उपकरण की बिक्री करेगा और व्यापारिक ग्राहकों को भी ये सेवाएं उपलब्ध करवाएगा।

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दोनों कंपनियां मिलकर भारत के दूरस्थ गांवों में स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों और समुदायों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए अवसर तलाशेंगी। एयरटेल ने यह भी कहा की वे यह पता लगाने का प्रयास करेंगे की स्टारलिंक उनके नेटवर्क के विस्तार और मजबूती में कैसे योगदान दे सकता है, जबकि स्पेसएक्स एयरटेल के भौतिक नेटवर्क अवसंरचना और अन्य सुविधाओं का उपयोग कैसे कर सकता है।

स्टारलिंक स्पेसएक्स द्वारा संचालित है और यह 7,000 से अधिक लो अर्थ ओरबिट (LEO) सैटेलाइट्स के माध्यम से 100 से अधिक देशों में सैटेलाइट संचार सेवाएं प्रदान करता है। एयरटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी बताया की यह निर्णय पूरी तरह से व्यावसायिक है और सैटेलाइट संचार में बड़ी संभावनाओं को देखते हुए लिया गया है। एयरटेल ने पुष्टि की है की वह अपने रिटेल स्टोर्स पर वनवेब और स्टारलिंक दोनों के उपकरण पेश करेगा, हालांकि, यह सभी आवश्यक सरकारी अनुमतियाँ प्राप्त करने के बाद ही संभव होगा। भारती एंटरप्राइजेज पहले से ही सैटेलाइट ऑपरेटर यूटेलसैट वनवेब में 21.2% हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा शेयरधारक है।

पिछले वर्ष, भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने सरकार से आग्रह किया था की सभी सैटेलाइट संचार कंपनियों को पारंपरिक दूरसंचार कंपनियों की तरह ही समान नियमों का पालन करना चाहिए, जिसमें लाइसेंस शुल्क का भुगतान और स्पेक्ट्रम खरीदना शामिल हो। हालांकि, पिछले हफ्ते मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस में मित्तल ने टेलिकॉम कंपनियों को सैटेलाइट संचार कंपनियों के साथ साझेदारी करने की सलाह दी।

स्टारलिंक का लाइसेंस आवेदन अभी भी भारत सरकार द्वारा प्रक्रियाधीन है, क्यूँकी इसमें कुछ तकनीकी और स्वामित्व से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। कंपनी को भारत में संचालान के लिए निर्धारित अनिवार्य स्वामित्व खुलासा नियमों का पूरी तरह से पालन करने में कठिनाई हो रही है। यदि सभी आवश्यक अनुमतियाँ मिल जाती हैं, तो एयरटेल और स्पेसएक्स की यह साझेदारी भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है, जिससे विशेष रूप से ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव आने की उम्मीद है। लेकिन इन सब के लिए जरूरी है की भारत सरकार कंपनी को हर तरह की अनुमति दे अगर ऐसा नहीं होता है तो यह प्रोजेक्ट केवल और केवल समय की बर्बादी है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अदिति है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

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