Trump 2.0- India US relation Latest News: अब कौनसा भारी प्रभाव डालेगा ये फैसला भारतीय शेयर बाज़ार पर?

WhatsApp Group

Join Now

Telegram Channel

Join Now

डोनाल्ड ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में क्या हैं India US relation Latest News? तो मुद्दा कुछ ऐसा है की, भारत और अमेरिका के बीच सुरक्षा और रक्षा संबंध और मजबूत होने की संभावना है। अमेरिका भारत को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है और चीन के प्रभाव का मुकाबला करने में भारत की भूमिका को अहम मानता है। द्विपक्षीय संबंधों में नई दिशा मिलने और मौजूद ढांचे को मजबूट करने की उम्मीद है। लेकिन इन सब का असल प्रभाव भारत के शेयर बाज़ार पर पड़ेगा। अब ये प्रभाव नकारात्मक है या सकारात्मक ये हम आपको पहले पूरा US security ties with india का मुद्दा समझाने के बाद इस लेख के ज़रिए बताएंगे।

Open Free Demat Account Today

Also read this: पोजीशनल ट्रेडिंग क्या है? Positional Trading meaning in Hindi

India US relation Latest News: भारत के प्रति दृष्टिकोण

डोनाल्ड ट्रम्प का पहला कार्यकाल अमेरिका की एशिया-प्रशांत नीति को इंडो-पैसिफिक नीति में बदलने के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारत को चीन के प्रभाव को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में देखा। अमेरिकी प्रशांत कमांड का नाम बदलकर 2018 में इंडो-पैसिफिक कमांड करना और रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत के साथ कई समझौतों को अंतिम रूप देना इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम थे।

भारत और अमेरिका के बीच सामरिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए Trump 2.0 में और अधिक पहल होने की संभावना है। ट्रम्प की नीतियां मुख्य रूप से द्विपक्षीय संबंधों पर आधारित हैं, जो क्षेत्रीय या बहुपक्षीय संगठनों के बजाय द्विपक्षीय समझौतों को प्राथमिकता देती हैं। यह भारत को इंडो पैसिफिक में अपनी भूमिका बढ़ाने का अवसर प्रदान कर सकता है।

व्यापार और आव्रजन पर प्रभाव

ट्रम्प का अमेरिका फर्स्ट दृष्टिकोण उनके व्यापार और आव्रजन नीतियों में साफ दिखाई देता है। पहले कार्यकाल में भारत पर ऊंचे टेरीफ़ लगाने और H-1B वीजा प्रोग्राम पर प्रतिबंध लगाने जैसी नीतियों ने भारतीय टैक वर्कफोर्स और कंपनियों को प्रभावित किया।

दूसरे कार्यकाल यानि Trump 2.0 में, इन नीतियों के फिर से लागू होने की संभावना है, जिससे भारतीय आईटी सेक्टर और पेशेवरों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, चीन से आपूर्ति शृंखला हटाने की अमेरिकी पहल भारत के लिए एक अवसर हो सकती है क्यूँकी यह अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

सुरक्षा और रक्षा में सहयोग

भारत-अमेरिका रक्षा संबंध ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान काफी मजबूत हुए। सामरिक और उभरती प्रोद्योगिकियों पर अमेरिका-भारत पहल (iCET) और सैन्य सहयोग को बढ़ाने वाले समझौते, जैसे की जियोस्पेशल सहयोग समझौता (BECA), ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया।

ट्रम्प 2.0 के तहत इन संबंधों को और गहराई मिलने की संभावना है, विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक में चीन की समुद्री गतिविधियों को नियंत्रित करने के प्रयासों में। अमेरिका भारत को नौसेना की क्षमताएँ बढ़ाने और उन्नत तकनीक प्रदान करने में मदद कर सकता है।

इंडो पैसिफिक और क्वाड में भारत की भूमिका

क्वाड (अमेरिका,भारत,जापान,और ऑस्ट्रेलिया का गठबंधन) को ट्रम्प प्रशासन ने एक प्रभावी मंच के रूप में पुनर्जीवित किया। क्वाड के तहत समुद्री सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी, और चीनी प्रभाव को संतुलित करने के प्रयासों को बढ़ावा दिया गया।

ट्रम्प 2.0 में क्वाड को और भी ज़्यादा मजबूती दी जा सकती है। हालांकि, भारत अपनी सामरिक स्वायतता को बनाए रखने और किसी एक देश पर अत्यधिक निर्भरता से बचने की कोशिश करेगा।

India US relation Latest News: भारतीय शेयर बाज़ार पर प्रभाव

अब हम इस लेख के उस पहलू पर आ गए हैं जिसका आपको बेसब्री से इंतज़ार था, तो क्यूँकी अब आपने इस नीति को पूरी तरह से समझ लिया है तो चलिए साथ मिल कर देखें भारतीय शेयर बाजार पर क्या प्रभाव पड़ सकता है Trump 2.0 और US Security ties with India:

अगर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और रक्षा संबंध मजबूट होते हैं, तो यह भारतीय कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत हो सकते हैं।

आईटी और टेक सेक्टर: अमेरिका वीजा नीतियों में बदलाव से भारतीय आईटी कंपनियों की राजस्व वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है।

मैन्युफैकचरिंग और सप्लाई चेन: चीन से सप्लाई चेन हटाने की पहल से भारत को मैन्युफैकचरिंग हब बनने का अवसर मिलेगा, जो भारतीय शेयर बाज़ार में मैन्युफैकचरिंग कंपनियों को बढ़ावा दे सकता है।

डिफेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर: रक्षा और तकनीकी सहयोग से संबंधित समझौतों से भारतीय रक्षा और तकनीकी शेयरों में सकारात्मकता आ सकती है।

Also read this: Top 5 Stocks to buy for 2025: खुद बड़े इनवेस्टमेंट बैंक और ब्रोकरेज फर्म का कहना है की ये स्टॉक देंगे 17%-37% तक का रिटर्न!

निष्कर्ष:

एक नया अध्याय खोल सकता है। जहां चुनौतियाँ होंगी, वहीं अवसर भी होंगे। भारत को अपनी रणनीतिक स्वायतत्ता बनाए रखते हुए इन अवसरों का अधिकतम लाभ उठाने की आवश्यकता होगी। इन संबंधों से भारतीय शेयर बाज़ार के कई सेक्टर्स को सकारात्मक दिशा मिलने की उम्मीद है, बशर्ते भारत अपनी आर्थिक और कूटनीतिक स्थिति को कुशलता से संभाल सके। हमने लेख के ज़रिए आपको इस विषय में पूरी जानकारी देने की कोशिश की, आशा है की आपको ये लेख पसंद आया होगा, आपकी इसपर क्या राय है ये हमें कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

डिसक्लेमर:

इस पोस्ट के जरिए हमारा उद्देश्य केवल आपको India US relation Latest News से जुड़ी हुई जानकारी देना है। क्यूंकी हम कोई सेबि अप्रूव्ड पंजीकृत साइट नहीं हैं इसीलिए हमारी सलाह में बताए गए सेक्टर्स को जानने के बाद, आपका अपने निवेश की सारी जानकारी को समझना बहुत जरूरी है, केवल उसी के बाद निवेश करें क्यूंकी अपने निवेश के ज़िम्मेदार आप पूरी तरह से खुद होंगे।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अदिति है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

1 thought on “Trump 2.0- India US relation Latest News: अब कौनसा भारी प्रभाव डालेगा ये फैसला भारतीय शेयर बाज़ार पर?”

Leave a Comment