भारतीय शेयर बाज़ार के लेकर दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा ने एक बड़ी और गंभीर चेतावनी दी है, जिससे निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है। उन्होंने यह दावा किया की निफ्टी 50 अगले 4-5 वर्षों तक निवेशकों को कोई खास रिटर्न नहीं देगा, जिससे भारतीय बाज़ार में तेजी से पैसा कमाने की उम्मीद लगाये बैठे निवेशकों को झटका लग सकता है। यहाँ हमने आपके सामने कुछ दिग्गज निवेशकों की राय रखी है, उनकी राय के बिना अगर आपने कोई भी निवेश किया तो वो भविष्य में आप पर भारी पड़ सकता है।
Open Free Demat Account TodayAlso read this: Best Small Cap Stock: प्रमोटोरों की दिलचस्पी बनी सोने पे सुहागा!
दिग्गज निवेशक शंकर शर्मा कहना है की इस गिरावट की शुरुआत सितंबर 2024 से ही हो चुकी है और अब असली बेयर मार्केट का दौर शुरू हो चुका है, खासकर स्मॉल-कैप सेगमेंट में जहां निवेशकों की पूंजी लगातार घट रही है। उनका मानना है की भारतीय शेयर बाज़ार में लंबे समय से चले आ रहे बुल रन का अंत हो गया है और अब निवेशकों को धैर्य के साथ रणनीतिक फैसले लेने होंगे। इस बीच बाज़ार के अन्य विशेषज्ञों की राय भी मिली-झूली आई है। कुछ का मानना है की इस करेक्शन के बाद वैल्यूएशन काफी आकर्षक हो गए हैं, जिससे लार्ज-कैप कंपनियों में निवेश का अवसर बन सकता है। वहीं, कुछ विश्लेषक इस समय बाज़ार में संभलकर चलने की सलाह दे रहे हैं।
दूसरी ओर निवेशक समीर अरोड़ा ने निवेशकों को उम्मीद की एक नई किरण दिखाई। उनका कहना है की मौजूदा गिरावट के बावजूद बाज़ार अगले 1-2 महीनों में अपने निचले स्तर से ऊपर उठेगा और लगभग 7-8% की तेजी देखने को मिल सकती है। हालांकि, यह भी तय है की यह तेजी सभी सेगमेंट में समान रूप से नहीं दिखेगी, बल्कि कुछ विशेष क्षेत्रों में देखने को मिलेगी, जहां कंपनियों की फंडामेंटल स्थिति मजबूत बनी हुई है।
वहीं, विदेशी निवेशकों का भारत से चीन के बाजारों की ओर बढ़ता रुझान भी चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है की यह बदलवा अस्थायी है और जल्दी ही विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों में वापस लौटेंगे, क्यूँकी भारतीय अर्थव्यवस्था की लंबी अवधि की संभावनाएं अभी भी मजबूत बनी हुई हैं। इसी बीच, दिग्गज निवेशक आशीष कचोलिया के पोर्टफोलियो में शामिल एक स्टॉक ने 5% की बढ़त के साथ अपर सर्किट को छू लिया है और यह पिछले एक साल में 244% की बढ़त दर्ज कर चुका है, जिससे निवेशकों की दिलचस्पी इसमें लगातार बनी हुई है।
इसके अलावा, बाज़ार नियामक SEBI और NSE के बीच चल रही बहार भी जोर पकड़ रही है। NSE के प्रमुख आशीष चौहान का मानना है की यदि बाज़ार में अनावश्यक स्पेकयुलेशन को कम करना है तो सभी एक्सचेंजों की एक्सपायरी को एक ही दिन करना होगा। इससे बाज़ार में स्थिरता आएगी और अस्थिरता के कारण छोटे निवेशकों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकेगा।
इन तमाम घटनाक्रमों के बीच, बाज़ार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। कुछ निवेशक इस गिरावट को एक बड़ा अवसर मान रहे हैं और लंबी अवधि के नजरिए से स्टॉक की खरीदारी कर रहे हैं, जबकि कुछ अभी भी सतर्क बने हुए हैं और सही मौके की तलाश में हैं। ऐसे में निवेशकों को समझदारी से फैसले लेने होंगे और जल्दबाजी में निवेश करने से बचना होगा ताकि वे इस उतार-चढ़ाव भरे बाज़ार में अपना निवेश सुरक्षित रखते हुए अच्छे रिटर्न कमा सकें।