ओला इलेक्ट्रिक को लेकर फिर एक बड़ी खबर सामने आई है। इस बार सिक्युरिटी नंबर प्लेट मेकर और व्हीकल रजिस्ट्रेशन एजेंसी रोसमर्टा डिजिटल सर्विसेज़ लिमिटेड ने कंपनी पर लगभग 18 करोड़ से 20 करोड़ रुपए के भुगतान में डिफ़ॉल्ट करने का आरोप लगाया है और इस मामले को अदालत में ले जाया गया है। आइए देखें क्या है ये पूरी वारदात।
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ओला मोबिलिटी लिमिटेड ने बताया की उनकी पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रोसमर्टा डिजिटल सर्विसेज़ ने इनसॉल्वेनसी प्रोसीडिंग्स शुरू करने के लिए NCLT बेंगलुरू में याचिका दायर की है। कंपनी द्वारा किए गए एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, यह याचिका इनसॉल्वेनसी एण्ड बैंकरपसी कोड 2016 की धारा 9 के तहत जारी की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है की ओला ने व्हीकल रजिस्ट्रेशन सेवाओं के बदले में भुगतान करने में असफलता दिखाई है।
यह मामला अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश किया जाएगा, जहां कंपनी के खिलाफ कॉर्पोरेट इनसॉल्वेनसी प्रोसेस की मांग की गई है। इससे पहले, 19 फरवरी को ओला ने कहा था की वह अपने व्हीकल रजिस्ट्रेशन एजेंसियों के साथ कान्ट्रैक्ट कर रहा था, जिससे सरकार के वाहन रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर कुछ अस्थायी रुकावटें आई थीं, लेकिन कंपनी का दावा था की इसका असर वास्तविक बिक्री पर नहीं पड़ा।
यहाँ तक की फरवरी में ओला द्वारा बेची गई स्कूटरों की संख्या को लेकर भी सवाल उठे हैं। सरकार के वाहन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी ने 8,647 स्कूटर बेचे, जबकि ओला का दावा है की उन्होंने 25,000 से अधिक यूनिट्स की बिक्री की। इस मामले में अब सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन ऑथोरीटि भी जांच कर रही है और कंपनी से 10,000 से अधिक ग्राहक शिकायतों से संबंधित अतिरकित दस्तावेज़ मांगे गए हैं।
ओला इलेक्ट्रिक पहले भी विवादों में रही है और यह मामला कंपनी के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर तब जब वह सार्वजनिक लिस्टिंग की तैयारी कर रही है।