रतन टाटा की ये दो बातें जो आपको किसी ने नहीं बताई होंगी

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Ratan Tata का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को हुआ था। वह भारत के दिग्गज उद्योगपति थे, जिनका निधन देर रात बुधवार 9 अक्टूबर, 2024 को मुंबई के Breach Candy Hospital में हो गया, उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली, इस लेख की मदद से हम जानेंगे रतन टाटा की ये दो बातें जो आपको किसी ने नहीं बताई होंगी, इसे पहले हम रतन टाटा के बारे मे जानते हैं।

रतन टाटा की परिवार और शिक्षा

Ratan Tata को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भारत से लेकर विदेशों तक जाना जाता है, वह केवल एक व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक सरलता से भरे नेक इंसान और दयालु व्यक्ति थे, वह साल 1991 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे और एक सफल उद्योगपति के रूप में उन्होंने टाटा समूह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उन्होंने अपनी कंपनी को एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाया।

Ratan Tata ने 1962 में Cornell University से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की इसके बाद, 1975 में उन्होंने Harvard Business School से Advanced Management Program को पूरा किया, Ratan Tata जब मात्र 10 साल के थे, तब उनके माता-पिता, नवाल टाटा और सूनी टाटा, अलग हो गए थे, इसके बाद, रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी, नवाजबाई टाटा ने किया।

रतन टाटा दुनिया के सबसे बड़े दानवीर थे

रतन टाटा बहुत ही नेक और दयालु व्यक्ति थे, वे दान करने के मामले में कभी पीछे नहीं रहते थे, उन्होंने कोरोना काल में सबसे बड़ी राशि दान की, जिससे गरीब लोगों को काफी मदद मिली, यह राशि 1500 करोड़ रुपए थी, जो एक बहुत बड़ी रकम होती है।

कुत्ते की वजह से रतन टाटा ने नहीं लिया प्रिंस चार्ल्स से अवॉर्ड

रतन टाटा की सिर्फ चर्चे ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें कई पुरस्कार भी दिए गए हैं, जैसे कि पद्म विभूषण जो 2008 में और पद्म भूषण अवॉर्ड 2000 में भारत सरकार की तरफ से दिया गया था।

यह बात 2018 की है जब प्रिंस चार्ल्स III ने उन्हें Lifetime Achievement Award देने के लिए बकिंघम पैलेस में बुलाया था, इस मौके पर रतन टाटा ने प्रिंस चार्ल्स का आमंत्रण स्वीकार किया और लंदन जाने के लिए तैयार हो गए, लेकिन आगे कुछ ऐसा हुआ, जिसके कारण वह इस पुरस्कार को लेने नहीं जा सके।

दरअसल, हुआ ये कि जब रतन टाटा Lifetime Achievement Award के लिए लंदन जाने वाले थे, तब उनके पालतू कुत्ते की तबियत कुछ ज्यादा ही खराब हो गई, जिसके कारण वह इस पुरस्कार समारोह में नहीं जा सके, इस खबर की जानकारी भारतीय बिजनेसमैन सुहेल सेठ ने एक वीडियो के माध्यम से दी, उन्होंने कहा कि उन्हें भी रतन टाटा के Lifetime Achievement Award इवेंट में जाना था और वह लंदन के लिए निकल गए थे, जैसे ही उन्होंने एयरपोर्ट पर अपने फोन को ऑन किया, उन्हें 11 मिस कॉल मिलीं।

इतनी मिस कॉल देखकर सुहेल सेठ हैरान रह गए, सुहेल सेठ ने बताया कि उन्होंने तुरंत रतन टाटा को फोन किया, जिसमें रतन टाटा ने सुहेल को बताया कि उनका कुत्ता, टैंगो या टीटो, बहुत बीमार है, इसलिए रतन टाटा उस पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हो सके, जो केवल उनके लिए आयोजित किया गया था।

रतन टाटा को पूरे भारत के लोग दिल से चाहते हैं वह एक सफल बिजनेसमैन के साथ-साथ एक दयालु इंसान भी हैं।

गैंगस्टर से भी नहीं डरे रतन टाटा

एक बार की बात है जब गैंगस्टर रतन टाटा के कर्मचारियों के साथ रंगदारी कर रहा था, यह बात रतन टाटा ने एक इंटरव्यू में बताई थी कि साल 1980 में गैंगस्टर उनके कर्मचारियों के साथ मारपीट कर रहे थे, और उन्हें काफी परेशान कर रहे थे, गैंगस्टर ने रंगदारी से मांग की और कई कर्मचारियों को अपनी तरफ करने की कोशिश की, रतन टाटा का कहना था की, वह गैंगस्टर टाटा ग्रुप को नुकसान पहुंचाना चाहते थे।

बात इतनी बढ़ गई थी कि कई कर्मचारी काम पर नहीं आने लगे थे, यह सब देखकर रतन टाटा खुद उस प्लांट में गए जहां गैंगस्टर कर्मचारियों के साथ जबरदस्ती कर रहे थे, तभी रतन टाटा एक सच्चे लीडर की तरह गैंगस्टर का सामना किया और उसकी गिरफ्तारी करवाई। तब जाकर सभी कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी आई।

यह कुछ अनसुनी बातें थीं रतन टाटा के बारे में, जो हमने आपके साथ शेयर की हैं, अगर आपको यह लेख पसंद आया, तो कृपया अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दे, रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे, यह सुनकर हमें काफी दुख हुआ।

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नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम इसराफ़िल अंसारी है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

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