भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को RBI MPC Meeting में 25 बेसिस पॉइंट की RBI Repo Rate Cut कर इसे 6.25% कर दिया है। यह पिछले 5 वर्षों में पहली बार हुआ है जब RBI ने ब्याज दरों में कटौती की है। इससे पहले मई 2020 में आखिरी बार रेपो दर घटाई गई थी। RBI की इस घोषणा का मुख्य उद्देश्य है, उधार को सस्ता बनाना और खपत व निवेश को बढ़ावा देना। आपको विस्तार से इस खबर को बताने के बाद हम ये भी बताएंगे की इस कटौती से कौनसे सेक्टरों को सबसे ज़्यादा फायदा हुआ है, और कैसे इनमें निवेश सकारात्मक रहेगा।
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Economic Impact of RBI Repo Rate Cut
केन्द्रीय बैंक ने इस कटौती को लेकर कहा की यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था में तरलता बढ़ाने, लोन सस्ता करने और बाज़ार में मांग को बढ़ाने में सहायक होगा। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा की यह निर्णय बदलते हुए वैश्विक आर्थिक हालात और भारतीय बाज़ार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, RBI ने अपनी मौद्रिक नीति का रुख “न्यूट्रल” बनाए रखने का फैसला किया है, जिससे यह स्पष्ट है की आगे भी नीतियों को लचीला रखा जाएगा ताकि जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जा सकें।
RBI MPC Meeting: GDP Growth Forecast
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 6.7% रखा है।
सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण 2025 में GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 6.3% से 6.8% लगाया गया था। यह अनुमान इस बात पर आधारित था की मजबूत बाहरी खाता, संतुलित वित्तीय नीतियाँ और स्थिर निजी खपत भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगी।
RBI Repo Rate Cut: Estimate on Inflation Rate
RBI ने अगले वित्तीय वर्ष (2025-2026) के लिए खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) को 4.2% रहने का अनुमान लगाया है। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में महंगाई दर 4.8% रहने का अनुमान बरकरार रखा गया है।
RBI के अनुसार:
- Q1 (पहली तिमाही): 4.5%
- Q2 (दूसरी तिमाही): 4.0%
- Q3 (तीसरी तिमाही): 3.8%
- Q4 (चौथी तिमाही): 4.2%
दिसंबर में CPI आधारित महंगाई दर 5.22% थी, जो की चार महीने के न्यूनतम स्तर पर थी।
Overall Impact of RBI Repo Rate Cut
EMI and Loan
- रेपो रेट घटने के बाद सभी बाहरी बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) से जुड़े लोन सस्ते हो जाएंगे, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य ऋणों की EMI में राहत मिलेगी।
- इसके अलावा, बैंक अपनी MCLR आधारित ब्याज दरों को भी कम कर सकते हैं, जिससे व्यक्तिगत और व्यापारिक लोन लेने वाले ग्राहकों को लाभ मिलेगा।
Real Estate and Auto Sector
एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस कटौती से हाउज़िंग लोन और औटोमोबाइल सेक्टर में उछाल देखने को मिल सकता है। रियल एस्टेट डेवलपर्स को इससे काफी राहत मिलेगी और नए प्रोजेक्ट्स को शुरू करने में आसानी भी होगी। इसीलिए आप अगर प्रॉपर्टी खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ये एक अच्छा मौका है और अगर रियल एस्टेट के स्टॉक्स में निवेश करना चाहते हैं तो भी ये एक अच्छी स्थिति है।
Global Economic Crisis
- RBI ने कहा की वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिकी नीतियों के कारण रुपए पर दबाव बना हुआ है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर नए टैरिफ लगाए हैं, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।
- डॉलर के मुकाबले रुपए में अस्थिरता बनी हुई है, और विदेशी निवेश प्रवाह में भी उतार चढ़ाव देखा जा रहा है।
RBI on Cyber Fraud
साइबर धोखाधड़ी पर RBI की सख्ती बनी हुई है। RBI ने डिजिटल लेन-देन में बढ़ती धोखाधड़ी को रोकने के लिए नई सुरक्षा प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।
RBI गवर्नर ने यह भी कहा है की, अंतर्राष्ट्रीय डिजिटल पेमेंट्स के लिए एक अतिरिक्त factor authentication लागू किया जाएगा। भारतीय बैंकों के लिए विशेष “bank.in” और वित्तीय संस्थानों के लिए “fin.in” डोमेन लागू किया जाएंगे।
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Conclusion
RBI Repo Rate Cut से भारतीय अर्थव्यवस्था में खपत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, घर, गाड़ी और व्यापारिक लोन सस्ते होंगे, जिससे आम जनता और व्यवसायों को राहत मिलेगी। हालांकि, वैश्विक आर्थिक संकट के चलते रुपए की अस्थिरता और महंगाई पर ध्यान देना जरूरी होगा। और अगर RBI MPC Meeting की कुल मिलाकर बात करें तो उम्मीद है की ये सकारात्मक परिणाम ही देंगे।