निफ्टी मेटल इंडेक्स ने हाल ही में बाज़ार को पीछे छोड़ते हुए जबरदस्त बढ़त दिखाई है, जिससे निवेशकों का ध्यान मेटल सेक्टर की ओर तेजी से बढ़ा है। Year to Date (YTD) आधार पर इस इंडेक्स ने 2.20% का रिटर्न दिया है, जबकि Nifty 50 में 5% की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे यह साफ जाहिर होता है की मेटल सेक्टर ने बाज़ार में अपना दबदबा बना लिया है। इस इंडेक्स के टॉप तीन स्टॉक्स ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है, आइए देखें वो कौनसे हैं और क्यूँ उनमें निवेश आपके लिए सकारात्मक रहेगा।
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निफ्टी मेटल इंडेक्स के अनुसार, Tata Steel ने 12% का रिटर्न दिया, Hindalco Industries ने 18% और JSW Steel ने 13% का रिटर्न दिया, जिससे यह साफ होता है की इन कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी बनी हुई है।
Jefferies जैसी प्रमुख ब्रोकरेज फर्मस ने मेटल स्टॉक्स के नए टारगेट जारी किए हैं, जिसमें:
- Tata Steel का टारगेट 180 रुपए रखा गया है, जो पहले 165 रुपए था और मौजूदा स्तर से 18.42% का अपसाइड दिखाता है।
- JSW Steel का टारगेट 920 रुपए निर्धारित किया गया है, जो पहले 850 रुपए था, लेकिन फिलहाल यह स्टॉक 1,020 रुपए पर ट्रेड कर रहा है और इस पर होल्ड रेटिंग दी गई है।
- वहीं, Hindalco Industries के लिए 800 रुपए का टारगेट रखा गया है, जो मौजूदा स्तर से 15% का अपसाइड दर्शाता है।
इन आंकड़ों को देखते हुए यह स्पष्ट होता है की मेटल सेक्टर में आगे भी ग्रोथ की संभावना बनी हुई है, खासकर उन कंपनियों के लिए जो अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में स्थिरता और बेहतर मांग का लाभ उठा सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है की आने वाले समय में मेटल इंडस्ट्री में और मजबूती देखने को मिल सकती है, जिससे निवेशकों को लंबी अवधि के लिए अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना है।
मेटल स्टॉक्स में तेजी आने के पीछे सबसे बड़ा कारण चीन की ओर से लिया गया उत्पादन कटौती का फैसला है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा स्टील एक्स्पोर्टर और कंसयूमर है और उसने 50 मिलियन टन स्टील उत्पादन घटाने का निर्णय लिया है, जिसके पीछे कई महत्वपूर्ण वजहें हैं, जैसे की कार्बन उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य, घरेलू मांग में गिरावट और ओवरकैपेसिटी की समस्या। इसके अलावा, चीन का प्रॉपर्टी मार्केट भी मंदी का सामना कर रहा है, जिससे स्टील की मांग कमजोर हो गई है।
ICICI Securities के अनुसार, चीन के इस प्रॉपर्टी क्राइसिस के चलते वहाँ स्टील की मांग घट गई है और 2024 में चीन का स्टील निर्यात 8 साल के उच्चतम स्तर 110 मिलियन टन तक पहुँच गया था, जिससे वैश्विक बाज़ार में असंतुलन पैदा हो गया। भारत में भी इस स्थिति का प्रभाव पड़ा है, जहां Free Trade Agreement (FTA) वाले देशों, जैसे की दक्षिण कोरिया और जापान से बढ़ते स्टील आयात के कारण घरेलू स्टील की कीमतें गिरकर चार साल के निचले स्तर 48,000 रुपए प्रति टन तक पहुँच गई हैं। इससे भारतीय स्टील कंपनियों के प्रॉफ़िट मार्जिन पर दबाव बढ़ा है, लेकिन चीन द्वारा उत्पादन घटाने का निर्णय भारतीय स्टील कंपनियों के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है, क्यूँकी इससे घरेलू बाज़ार में स्टील की मांग और कीमतों में सुधार देखने को मिल सकता है।