Types Of Exchange Traded Funds, ऐसे Funds जिनकी Trading, Stock Exchange पर होती है। इनकी Units की Trading, Stock Market में बिलकुल ठीक एक Share की तरह होती है, आसान भाषा में कहें तो ETF एक Pooled Investment Security हैं जिन्हें एक Individual Stock की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है। यही कारण है की इनकी Price भी हर second change होती रहती है। ख़ास बात ये है की यदि व्यक्ति Individual Stocks ना खरीदके ETF में निवेश करे तो उसे कम Expense ratio और कम Broker Commissions देनी पड़ती है।
ETF कैसे काम करते हैं ?
ETF के काम करने का तरीका कुछ इस तरह है: सबसे पहले ETF Stocks, Bonds या Commodity जैसी कई Assets को एक fund में इक्कट्ठा करता है, fund में इकठ्ठा करने के बाद इस fund को एक ऐसे provider द्वारा बनाया जाता है जो कुछ range of assets को design या track करने का काम करते हैं, जैसे specific market index या sector को, ये होने के बाद निवेशकर्ता इन ETF के shares को खरीद सकते हैं जो कहीं न कहीं fund के एक हिस्से को represent करते हैं, लेकिन ये बात ध्यान रहे की वो इन assets के सीधे मालिक नहीं होते बल्कि वो ऐसे shares के मालिक होते हैं जो fund के assets की performance को reflect करते हैं।
बिलकुल stocks की तरह ही ETF भी बड़े exchange पर trade किये जाते हैं , जिससे निवेशकों को बाज़ार की कीमतों पर पूरे दिन उन्हें खरीदने और बेचने की liberty मिल जाती है, यहाँ समझने वाली चीज़ यह है की ETF की कीमत उसकी assets के price एंव supply और demand के आधार पर बदलती रहती है अगर ETF के portfolio में मौजूद कंपनियां dividend या interest का भुगतान करती हैं तो निवेशकों को भी इसका पूरा लाभ मिल सकता है।
अगर ETF के बारे में एक advice देनी हो तो ये माना जा सकता है की ETF एक आसान और किफायती तरीका है जिससे निवेशकों को अलग-अलग तरह के assets में निवेश करने का फायदा मिल जाता है और साथ ही वे Stock-trading की सुविधा का लाभ भी उठा सकते हैं।
Types Of Exchange Traded Funds:
आज इस लेख में हम ETF के कुल 11 Types पर बात करेंगे:
1) Passive ETF: एक Passive ETF को व्यापक या कह सकते हैं Broader Index जैसे: S&P 500, या किसी specific sector की performance को track करने के लिए design किया गया है। इसमें दिलचस्प बात ये है की इस ETF का उद्देश्य बाज़ार से बेहतर प्रदर्शन करना नहीं, बल्कि अपने चुने हुए Index से मेल खाना होता है।
2) Actively Managed ETF: Actively Managed ETF, Passive ETF की तरह नहीं है, बल्कि इन ETF के पास Portfolio managers होते हैं जो ख़ास ध्यान रखते हैं की कौनसी securities को बेचना और खरीदना है, यही कारण है की ये ETF, Passive ETF से ज़ादा अच्छा कार्य कर सकते हैं और कई cases में करते भी है, लेकिन ध्यान रहे की ये निवेशकों के लिए Passive ETF से ज़ादा महंगे होते हैं।
3) Bond ETF: Bond ETF का सबसे बड़ा काम अपने निवेशकों को नियमित आय प्रदान करना होता है, ये उन Bonds की performance के आधार पे होती है जिन्हे वे hold करते हैं। यह Bonds कई तरह के होते हैं, जैसे सरकारी, Corporate, या Municipal bonds, यह ध्यान रहे की जैसे bonds की एक Maturity Date होती है वैसे Bond ETF की कोई maturity date नहीं होती।
4)Stock ETF: Stock ETF, Stocks का एक group होता है जिसे अंग्रेजी में Basket of stocks भी कहते हैं, ये किसी specific sector या Industry को follow करते हैं, जैसे: Healthcare। ये ETF निवेशकों को बिना Individual stocks खरीदे एक Sector की कई कंपनियों की Performance explore करने का लाभ देते हैं।
5) Industry or Sector ETF: इनके नाम से ही समझा जा सकता है की ये ETF Specific sectors पे focus करते हैं जैसे Automative या Computer goods, उद्दाहरण के तौर पे एक Automative ETF में उन कंपनियों को शामिल किया जायेगा जो वाहनों के निर्माण और बिक्री में शामिल हैं, जैसे Toyota या Fiat।
6) Commodity ETF: Commodity ETF physical commodities में निवेश करते हैं जैसे Petroleum या gas, इन funds का फायदा यह होता है की इनसे निवेशकों को commodities बिना खरीदे उनको प्रयोग करने को मिल जाती हैं।
7) Currency ETF: ये ETF, Currency pairs की performance को track करते हैं जैसे: yen और rupee, इन funds के ज़रिये निवेशकों को currency के उतार-चढ़ाव पर speculation लगाने का मौका मिल जाता है या Foreign Exchange Market में अस्थिरता से बचाव करने का अवसर मिल जाता है।
8) Bitcoin ETF: Bitcoin ETF, निवेशकों को बिना cryptocurrency hold किये bitcoin में निवेश करने का अवसर देते हैं, इन funds को regulators द्वारा approve किया जाता है और इन्हे Regular Brokerage Accounts के ज़रिये बेचा और खरीदा भी जा सकता है।
9) Ethereum ETF: Bitcoin ETF की ही तरह Ethereum ETF भी निवेशकों को बिना cryptocurrency hold किये cryptocurrency या Ethereum Blockchain में निवेश करने की अनुमति देता है।
10) Inverse ETF: Inverse ETF को इसीलिए design किया गया है ताकि ये तब लाभ दे सकें जब stocks की कीमतों में गिरावट होती दिख रही हो, इसके अंदर एक strategy का प्रयोग भी होता है जिसे ‘Shorting‘ कहा जाता है जिसमे ETF को तब value मिलती है जब वह जिन stocks को track करते हैं उनकी value गिरती दिखे।
11) Leveraged ETF: Leveraged ETF का काम उन Index के returns को बढ़ाना होता है जिन पर ये आधारित होता है, अक्सर देखा गया है की यह ETF 2-3% तक का return देता है , यानि अगर Index 1% बढ़ता है तो Leveraged ETF की 2-3% तक बढ़ने की संभावना है।
List of ETFs in India:
भारत में ETF की भारी demand है, लेकिन किसी भी ETF में निवेश करने से पहले ये जान लेना ज़रूरी है की भारत के कौनसे ऐसे Top ETF हैं जिन पर ज़्यादातर जनता भरोसा करती है एंव निवेश करना चाहती है, साथ ही आपको इनके 1 महीने के returns और Category Returns के बारे में भी बताएंगे, चलिए देखते हैं List of ETFs in India
TOP ETFs | 1 month Return | Category Return |
Mirae Asset Hang Seng TECH ETF | 23.05% | — |
Aditya Birla Sun Life Silver ETF | 10.22% | 6.99% |
Axis Silver ETF | 10.20% | 6.99% |
DSP Silver ETF | 10.19% | 6.99% |
Kotal Silver ETF | 10.19% | 6.99% |
Nippon India Silver ETF | 10.17% | 6.99% |
Mirae Asset Silver ETF | 10.17% | 6.99% |
UTI Silver Exchange Traded Fund | 10.16% | 6.99% |
TATA Silver ETF | 9.99% | 6.99% |
Quantum Gold Exchange Trading Scheme | 5.63% | 6.99% |
ICICI Prudential Gold ETF | 5.55% | 6.99% |
Axis Gold Exchange Traded Fund | 5.54% | 6.99% |
SBI Gold ETF | 5.54% | 6.99% |
Aditya Birla Sun Life Gold ETF | 5.54% | 6.99% |
Nippon India ETF Gold BeES | 5.54% | 6.99% |
How to Invest in ETFs:
How To invest in ETFs: ETF को किसी commodity की Price से लेकर Securities की बड़ी और Large Collection design करने के लिए use किया जा सकता है, ETF को कुछ special investment strategies design करने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है, वहीँ आय उत्पन्न करने, Speculations करने, कीमत में बढ़ोत्तरी की संभावना के लिए या निवेशकों के Portfolio में जोखिम को कम करने जैसी चीज़ों के लिए ETF निवेशकों के लिए कई प्रकार के ETF दिए गए हैं।
ETF क्या है और कैसे काम करता है ये तो हमने अच्छी तरीके से जान लिया अब Step by Step देखते हैं की How To invest in ETFs में आप लाभकारी तरीके से कैसे निवेश कर सकते हैं, How To invest in ETFs:
Step 1: Brokerage Account choose करना: ETF खरीदने के लिए सबसे पहला Step होता है एक Brokerage खरीदना, Brokers भी अलग-अलग type के होते हैं, जैसे: Traditional और Online, Traditional Brokers आपको Personalised services देने के काम आ सकते हैं, वहीँ अगर आपका budget Traditional Brokers के लिए match नहीं होता तो आप Online Brokers भी ढूंढ सकते हैं जिनकी Fee traditional के मुक़ाबले कम होती है, कुछ Pupular Online brokers हैं: Robinhood एंव Charles Schwab आदि इन दोनों के अलावा आप अपने Robo Advisor से भी consultation ले सकतें हैं।
Step 2: अपने account को Fund करना: एक बार जैसे ही आप अपना brokerage set कर लोगे उसके बाद आपको उसमें Money deposit करवानी होगी, ये Money deposit ज़्यादातर Bank Transfer से पक्की की जाती हैं, यहाँ Funding के समय सबसे ज़्यादा ध्यान आपको इस बात का रखना है की आप उतनी Payment करो, की जो ETF आप खरीदना चाहते हो वो उस Payment से खरीदी जा पाएं।
Step 3: ETF Research: कभी भी ETF खरीदने से पहले उसके बारे में पूरी research करना आपके लिए सबसे ज़रूरी हो जाता है क्यूंकि ETF अलग-अलग types के होते हैं इसलिए ध्यान रहे की आप वैसे ही ETF का चुनाव करें जो आपके Investment goal से match करते हों, आप ETFs को Online tools की मदद से filter करके अच्छे से जांच सकते हैं, जैसे: Expense Ratio, Performance history, आदि, इससे आप अपनी आवश्यकता अनुसार सही ETF को choose कर सकते हैं।
Step 4: ETF खरीदना: एक बार सही ETF का चयन करने के बाद आप उन्हें खरीदने के लिए Online order कर देते हो जिनकी payment आपके Brokerage Account से होती है। Brokerage Account में आप ETF या तो Market price पे खरीद सकते हैं या फिर अपना ही कोई specific price set करके आप ETF purchase कर सकते हैं, यहाँ सबसे अच्छी बात है की आपके लिए ETF आपके broker खरीद देंगे।
Step 5: Keep checking you Investment: सिर्फ ETF खरीद लेना या उसमें निवेश करना काफी नहीं है बल्कि ETF खरीदने के बाद आपको अपनी Investments पे कड़ी नज़र रखनी चाहिए, आप Time to Time इनकी performance पे नज़र रख सकते हैं और जब जब ज़रूरत हो तब उसमे Adjustments कर सकते है, इससे ये फायदा भी होता है की यदि भविष्य में आपके Investment goals बदल जाते हैं तब आप इन ETF को सही दाम पर बेच के नए ETF की खरीददारी कर सकते हैं।
ETF Cost, Fee and Tax:
Costs and Fees
ETF और Mutual funds दोनों ही अपनी-अपनी Annual fee charge करते हैं जिन्हें हम Expense Ratio के नाम से जानते हैं, ये Expense ratio 0.02% से लेकर 1% या उससे ज़्यादा की Total investment value तक range कर सकता है, ETF के मुकाबले Mutual Funds की ज़्यादा fee होती हैं क्यूंकि वो Marketing, Destribution और Accounting के लिए additional cost जारी करते हैं, वहीँ ETF की fee इसलिए कम होती है क्यूंकि उनमें Securities को इतना frequently बेचा वह खरीदा नहीं जाता और इसमें Shareholder Transaction के लिए हाथ में पैसा रखने की भी ज़रूरत नहीं होती है।
जब आप ETF या Mutual funds को बेचते वह खरीदते हैं तब भी इनकी Transactions के लिए Stockholders उसमें अपनी Commission या Fee जोड़ सकते हैं।
Taxation:
US जैसे देशों में Mutual Funds के मुकाबले ETF ज़ादा Tax Friendly होते हैं, especially अगर कोई Taxable account में Investment करना चाहे तो खासकर, वहीँ दूसरी और UK या Germany जैसे Eurpoan देशों में Mutual funds और ETF में कोई Tax advantage यानि tax से राहत नहीं दी जाती।
ETF vs Mutual Funds vs Stocks:
क्या आप भी अभी तक Trading और Stock market के basics को समझ नहीं पा रहे हैं और इसीलिए आपको लगता है की ETF, Mutual funds और Stocks एक ही होते हैं? तो हम नीचे दी गई टेबल से आपकी इस misunderstanding को दूर कर देंगे , इसके लिए आपको ETF vs Mutual Funds vs Stocks को अच्छे से समझना होगा।
Aspects | ETF | Mutual Funds | Stocks |
Definition | ETF ऐसे प्रकार के Index Funds होते हैं जो की एक Basket of securities को Track करते हैं। | Mutual funds Bonds, Securities और दूसरे Instruments में मिलाजुला निवेश करते हैं। | Stocks ऐसी securities होतीं हैं जो performance के base पर return देतीं हैं। |
Pricing | ETFs returns उनके underlying index की performance पर आधारित होते हैं, जिसमे ETFs के सभी assets शामिल होते हैं। | Mutual funds overall fund के Net Asset Value (NAV) पर trade करते हैं। | Stock returns अपनी market की actual performance पर based होते हैं। |
Trading Hours | Stocks की ही तरह ETF में भी market के regular hours में trade होते रहते हैं। | Mutual funds, Trading day के अंत में ही redeem किये जा सकते हैं। | Stocks, regular market hours में trade किये जाते हैं। |
Cost and Fees | ETF, Mutual Funds के मुक़ाबले सस्ते खरीदें जाते हैं क्यूंकि इनमें Marketing fee charge नहीं होती। | Mutual funds, ETF के मुक़ाबले काफी महंगे होते हैं क्यूंकि ये Marketing fee के साथ आते हैं। | कुछ Platforms पर Shares बिना commission के खरीदें जा सकते हैं और आमतौर पर खरीददारी के बाद भी यह निःशुल्क होते हैं। |
Ownership | ETF में securities की actual ownership included नहीं होती। | Mutual funds अपनी basket में securities के मालिक होते हैं। | Stocks में security की physical ownership होती है। |
Redemption | ETF को Cash में redeem नहीं किया जाता। | Mutual funds के शेयर उस दिन के Net asset value (NAV) पर Cash में redeem हो जाते हैं। | Cash का प्रयोग करके shares को खरीदा और बेचा जाता है। |
ETF ke Benefits and Risks:
जैसा की हम सब जानते ही हैं की एक सिक्के के दो पहले होते हैं, बिलकुल उसी प्रकार ETF के भी दो पहलु हैं, एक इसके Benefits और दूसरा इसके Risks, आइए इसे अच्छे से समझें:
ETF’s( Exchnage Traded Funds ) Benefits:
Diversification | Liquidity | Transparency | Cost Efficiency |
ETF Investors को, Investing के लिए, single Investment से कई तरह के Assets provide करता है जिससे Loss होने के risk कम हो जाते हैं। | ETF Liquid होते हैं यानि वो पूरे दिन में खरीदे और बेचे जा सकते हैं , इस flexibility से investors, market changes पर जल्दी react कर सकते हैं। | ETFs transparent होते हैं क्यूंकि वो हर दिन अपनी holdings को disclose करते हैं, इससे साथ के साथ देखा जा सकता है की पैसा कहा निवेश हो रहा है। | Mutual funds के मुक़ाबले ETF की fee काफी काम होती है। |
Market Volatility | Tracking Error | Capital Risk |
ETF बाज़ार की अस्थिरता पर based होते हैं और उनकी कीमतें बाज़ार की परिस्थितितों के साथ उतार चढ़ाव करती रहती हैं। | Tracking error तब होती है जब उसके ETF की performance उसके track किये गए index से थोड़ी अलग होती है, ये आमतौर पर Trading tax की वजह से होता है। | ETF में Capital risk होता है, यानि जितनी कीमत आपने निवेश की है उसका मूल्य घट सकता है , ये बात ध्यान रखने वाली है की जब market गिरती है तो ETF में Capital risk के मौके बढ़ जाते हैं। |
FAQ:
1- ETF कितने प्रकार के होते हैं और वह कौन-कौन से हैं ?
ETF कुल 11 प्रकार के होते हैं, और वह हैं: Passive ETF, Actively managed ETF, Bond ETF, Stock ETF, Industry or Sector ETF, Commodity ETF, Currency ETF, Bitcoin ETF, Ethereum ETF, Inverse ETF, Leveraged ETF.
2- भारत के Top 5 Leading ETF कौनसे हैं :
भारत के Top 5 Leading IPO हैं: Mirae Asset Hang Seng TECH ETF, Axis Silver ETF, DSP Silver ETF, Kotak Silver ETF, और Nippon India Silver ETF.
3- ETF में निवेश करने का क्या Procedure है ?
ETF Step-by-step Procedure है: Step 1: Brokerage Account का चयन करना, Step 2: अपने अकाउंट को Fund करना, Step 3: ETF Research, Step 4: ETF खरीदना और Step 5: Keep checking you Investment.
4- ETF के Benefits और Risks क्या-क्या हैं?
ETF के Benefits- Diversification, Liquidity, Transparency, और Cost Efficiency
ETF के Risks- Market Volatility, Tracking Error, और Capital Risks