तो जैसा की हम जानते हैं देश में कुछ ऐसा हुआ है जिससे मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-औपरेटिव बैंक के ग्राहकों को NICB Bank ban से एक बहुत ही बड़ा झटका लगा है । रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंक की वत्तिय स्थिति को लेकर गंभीर चिंताओं के चलते नई जमा, निकासी और ऋण जारी करने पर छह महीने के लिए रोक लगा दी है। इस फैसले के बाद से बैंक की शाखाओं के बाहर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है और लोग अपने पैसे निकालने को लेकर चिंता कर रहे हैं। आइए लेख के जरिए समझें की कैसे ये स्थिति काबू में की जा सकती है और निवेशकों को क्या करना चाहिए।
Open Free Demat Account TodayAlso read this: बहुत पछताओगे अगर इस IPO में पैसा नहीं लगाया तो!
बिना अनुमति नहीं होगा कोई वित्तीय लेन-देन
RBI के आदेश के अनुसार, यह बैंक अब बिना पूर्व अनुमति के कोई नया ऋण जारी नहीं कर सकता, कोई निवेश नहीं कर सकता और किसी भी तरह की वित्तीय जिम्मेदारी नहीं उठा सकता। इसके अलावा, बैंकों को अपने संपत्तियों की बिक्री या किसी प्रकार की देनदारियों के भुगतान से भी रोक दिया गया है। RBI के बयान में कहा गया है, की “बैंक की वर्तमान तरलता स्थिति को देखते हुए, यह निर्देश आवश्यक है ताकि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा की जा सके।”
हालांकि, RBI ने कुछ आवश्यक खर्चों जैसे कर्मचारियों के वेतन, किराया और बिजली बिलों के भुगतान की अनुमति दी है। और यह माना जा रहा है की बैंक की वित्तीय स्थिति सुधरने तक इन प्रतिबंधों को जारी रखा जाएगा।
₹5 लाख तक की जमा राशि पर बीमा सुरक्षा
RBI ने जमाकर्ताओं को आश्वासन दिया है की Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DIGGC) के तहत ₹5 लाख तक की जमा राशि सुरक्षित है। इसका मतलब यह है की यदि बैंक पूरी तरह से असफल भी हो जाता है, तो जमाकर्ताओं को ₹5 लाख तक की राशि वापस मिलेगी। इतने संकट भरे समय में ये एक खबर निवेशकों को थोड़ी राहत देती है।
NICB Bank ban से जमाकर्ताओं की स्थिति
हालांकि, RBI ने यह स्पष्ट किया है की यह बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने का फैसला नहीं है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार कर लेता है तो इस पाबंदी को हटाया जा सकता है। लेकिन देखा जाए तो, पिछले कुछ वर्षों में कई कोऑपरेटिव बैंकों के डूबने के मामले सामने आए हैं, जिससे ग्राहकों की चिंता स्वाभाविक है।
को-ऑपरेटिव बैंकों के हालिया मामलों की तुलना
यह पहली बार नहीं हो रहा है जब किसी को-ऑपरेटिव बैंक पर RBI ने ऐसी पाबंदिया लगाई हैं। इससे पहले 2019 में Punjab and Maharashtra Cooperative (PMC) Bank में भारी वित्तीय गड़बड़ियों के चलते RBI ने इसी तरह के पतिबंध लगाए थे। उस मामले में कई जमाकर्ताओं को अपने पैसे वापस पाने में वर्षों लग गए थे।
और Yes Bank और Lakshmi Vilas Bank भी ऐसी स्थिति से गुजर चुके हैं, लेकिन सरकार और बड़े निजी संस्थानों के हस्तक्षेप से उनकी स्थिति संभाली गई।
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक का मामला भी आने वाले महीनों में स्पष्ट होगा और समझा जाएगा की यह एक अस्थायी संकट है या फिर कोई गहरी समस्या।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
बैंक के ग्राहकों के लिए सबसे जरूरी है की वे घबराएं नहीं और RBI और बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले आधिकारिक अपडेट्स पर ध्यान दें।
- यदि आपके खाते में ₹5 लाख तक की जमा राशि है, तो वे DICGC Insurance के तहत सुरक्षित है। इसके लिए ग्राहकों को बैंक और RBI से संपर्क में रहना चाहिए।
- जिन लोगों की राशि ₹5 लाख से अधिक है, वे फिलहाल बैंक से बातचीत कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर वित्तीय सलाहकारों से राय ले सकते हैं।
- इसके अलावा, निवेशकों और जमाकर्ताओं को कोऑपरेटिव बैंकों में अपनी पूरी बचत रखने के बजाय अलग-अलग सुरक्षी वित्तीय संस्थानों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए।
Also read this: Top 5 Stock Market Myth: इन मिथकों के कभी किसी ने इतने ठोस सबूत नहीं दिए होंगे! रियल लाइफ उदाहरण!
निष्कर्ष
तो इस तरह हमने देखा की न्यू इंडिया कॉरपोरेटिव बैंक के मुद्दे पर अभी तक क्या चल रहा है। साथ ही हमने इसमें आगे की संभावनाएं क्या हो सकती हैं इसपर भी चर्चा की। इस वक्त सबसे जड़ ध्यान देने की जरूरत है इस चीज पे की निवेशक अपने आप में धीरज बनाएं रखें और शांत मन से इस मुद्दे पर विचार करें।
डिस्कलमेर
इस पोस्ट से हमारा उद्देश्य केवल NICB Bank ban की जानकारी फैलाना है।