पिछली बार 2013 में आई थी ऐसी गिरावट

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शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ार में गिरावट का दौर जारी रहा, जिसमें BSE सेंसेक्स और निफ्टी 50 में व्यापक बिकवाली देखी गई। वैश्विक बाजारों से मिल रहे संकेतों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए “Reciprocal Terrif” (पारस्परिक शुल्क) लागू करने की घोषणा ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी। दोपहर 2 बजे तक BSE सेंसेक्स 645.25 अंकों (0.85%) की गिरावट के साथ 75,494 पर था, जबकि निफ्टी-50 241 अंकों (1.05%) की गिरावट के साथ 22,790.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 3.15% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 4.16% तक गिर चुका था।

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वैश्विक बाजारों का असर

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय शेयर बाज़ार का कुल पूंजीकरण 14 महीनों में पहली बार $4 ट्रिलियन से नीचे गिर गया है। इसका प्रमुख कारण रुपए में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) द्वारा लगातार बिकवाली है। ट्रम्प द्वारा घोषित नए टैरिफ के चलते, अमेरिकी बाज़ार में भी अस्थिरता बढ़ी है। उन्होंने घोषणा की है की वह कार, सेमीकंडक्टर और फार्मासीयूटिकल उत्पादों पर अतिरिक्त कर लगाएंगे, जिससे भारतीय कंपनियों को झटका लग सकता है।

कौन से सेक्टर्स में सबसे अधिक गिरावट?

भारतीय शेयर बाज़ार में आज सभी सेक्टर्स लाल निशान में थे।

  • निफ्टी फार्मा इंडेक्स 3% तक गिरा।
  • निफ्टी मेटल, निफ्टी रियल्टी और निफ्टी PSU बैंक इंडेक्स 2% से अधिक लुढ़क गए।
  • निफ्टी बैंक इंडेक्स 1% तक गिरा।

ट्रम्प के टैरिफ का भारत पर प्रभाव

गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने प्रशासन को निर्देश दिया की वे उन देशों पर नई पारस्परिक शुल्क नीति (Reciprocal Terrifs) लागू करें, जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाते हैं। यह योजना 1 अप्रैल 2025 से लागू की जा सकती है।

इसके अतिरिक्त ट्रम्प ने कहा की वह BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने पर विचार कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो भारत की आईटी, औटोमोबाइल, और फार्मासियूटिकल कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

2025 में अब तक ₹97,000 करोड़ की निकासी

विदेशी पोर्ट्फोलीओ निवेशकों (FII) ने 2025 के पहले छह हफ्तों में ₹97,000 करोड़ से अधिक की बिकवाली की है, जो अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी बिकवाली में से एक है। इससे भारतीय शेयर बाज़ार पर दबाव बना हुआ है।

तकनीकी विश्लेषण

विशेषज्ञों के अनुसार, निफ्टी ने 23,220 का प्रतिरोध स्तर छूने के बाद गिरावट दर्ज की।

  • यदि निफ्टी 22,800 से नीचे बंद होता है तो यह 21,500 के स्तर तक जा सकता है।
  • यदि निफ्टी 23,000 के ऊपर बना रहता है, तो बाज़ार में रिकवरी देखने को मिल सकती है।
  • कुल मिलाकर बाज़ार अभी ओवरसोल्ड जोन में है, लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण लंबी अवधि की रैली की संभावना कम दिख रही है।

बाज़ार में आगे क्या देखना चाहिए?

आइए देखें की निवेशकों को निवेश से पहले बाज़ार में क्या देखना चाहिए:

  • रुपए की चाल: यदि रुपया डॉलर के मुकाबले और गिरता है तो विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ सकती है।
  • अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स: यदि ये ऊंचे बने रहते हैं तो भारतीय बाजारों में दबाव जारी रहेगा।
  • FII गतिविधि: यदि विदेशी निवेशकों की बिकवाली रुकती है तो बाज़ार में रिकवरी संभव हो सकती है।

2013 की भारी गिरावट और उसके उपाय

शेयर बाज़ार में तेज गिरावट कोई नई बात नहीं है। पिछले दो दशकों में कई बार भारतीय बाजार ने भारी गिरावट देखी है, जिसका प्रमुख कारण वैश्विक आर्थिक संकट, सरकार की नीतियाँ, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक घटनाएं रही हैं।

  • यदि इस स्थिति से मिले झुले बाजारी संकटों की बात करें तो 2013 में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की टेपर टैंटर्म नीति और 2016 में नोटबंदी के कारण बाज़ार में ऐसी गिरावटें देखने को मिली थीं।
  • वहीं अगर वर्तमान स्थिति की तुलना अतीत से करें, तो ऐसे समय में निवेशक आमतौर पर बड़े और मजबूत कंपनियों (Blue-Chip Stocks) की ओर रुख करते हैं, जिससे बाज़ार कुछ हफ्तों में स्थिर हो सकता है।
  • अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहती है और अमेरिकी नीतियों में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आता, तो आजार में अगले कुछ महीनों तक अस्थिरता बनी रह सकती है।
  • हालांकि, पिछले अनुभवों से यह भी स्पष्ट है की हर बड़ी-गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाज़ार ने रिकवरी की है और नए उच्चतम स्तर (All-time high) को छुआ है।
  • इसीलिए दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है, लेकिन जरूरत है की वे सही नीति अपनाएं और तभी निवेश करें।

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निष्कर्ष

तो ये था आज के Stock Market Fall का पूरा विवरण, इस गिरावट को हमने ऐतिहासिक संदर्भ से जोड़कर देखा और समझा की इससे बचने के लिए निवेशकों को कौन-कौन से उपायों को चुनना चाहिए जिससे वो इनसे बाहर आ सकें। आशा है की आपको ये लेख और इसमें दिए गए सुझाव पसंद आए होंगे। अपनी राय हमें कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

डिसक्लेमर

इस लेजख से हमारा उद्देश्य केवल आपको Stock Market Fall से जुड़ी सारी जानकारी देना है और इससे जुड़े सुझाव देना है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अदिति है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

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