अडानी ग्रुप के शेयरों में बुधवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली, और ऐसा माना जा रहा है की ये गिरावट लंबी खींचेगी और दीर्घकालिक समयावधि के लिए जारी रहेगी। ऐसा इसीलिए हो रहा है क्यूँकी अमेरिकी सीक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच के लिए भारत सरकार से सहयोग मांगा है। यह जांच अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ ₹2,300 करोड़ की कथित रिश्वतखोरी और सीक्यूरिटीज फ्रॉड से संबंधित है।
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शेयरों में भयंकर गिरावट
जब से यह खबर आई है तबसे अडानी ग्रुप की प्रमुख कंपनियों के शेयर 4% तक गिर गए।
- Adani Enterprises का शेयर 4.3% गिरकर ₹2,123.95 पर पहुँच गया।
- Adani Green Energy जिस पर रिश्वत मामले में फायदा उठाने का आरोप है, वह भी 4.3% की गिरावट के साथ ₹860 तक लुड़क गया।
- Adani Ports 2.6% गिरकर ₹1,055.25 पर ट्रेड कर रहा था।
- Adani Power 2.5% गिरकर ₹472.50 तक पहुंचा
- Adani Total Gas 2.5% गिरकर ₹564.85 तक आया
- Adani Wilmar 2.5% गिरकर ₹250 के स्तर पर आ गए।
अमेरिकी अदालत में सुनवाई और अडानी का बयान
अमेरिकी SEC ने एक न्यूयॉर्क जिला अदालत को बताया की वह गौतम अडानी और सागर अडानी को अपने आरोपों की नोटिस देने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए भारत के कानून मंत्रालय से सहयोग मांगा है। SEC के अनुसार, यह मामला हेग सर्विस कन्वेन्शन के तहत आता है, जो अंतर्राष्ट्रीय कानूनी दस्तावेज़ों के आदान-प्रदान को सरल बनाता है।
SEC के अनुसार, अडानी ग्रुप ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देकर अपने पक्ष में बिजली आपूर्ति के ठेके हासिल किए और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया। आरोप है की अडानी ग्रीन एनर्जी को लाभ पहुंचाने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई, जिससे अमेरिकी निवेशकों को झूठी जानकारी दी गई की ग्रुप पूरी तरह से “एंटी-करप्शन” नीतियों का पालन करता है।
अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को “बेबुनियाद और निराधार” बताया है और सभी कानूनी विकल्पों पर विचार करने की बात कही है। कंपनी का कहना है की वह अपने पर्यावरण, सामाजिक और कॉर्पोरेट गवर्नेंस (ESG) मानकों का सख्ती से पालन करता है और किसी भी प्रकार की अनियमित्ता में शामिल नहीं है।
बाज़ार में निवेशकों का हाल
इस खबर के बाद, बाज़ार में निवेशकों के बीच चिंता और डर का माहोल बहुत ही बुरी तरह से देखने को मिला है। अमेरिकी जांच एजेंसी का दखल और भारतीय अधिकारियों से सहयोग की मांग, अडानी ग्रुप के निवेशकों के लिए एक नए अनिश्चितता के दौर की ओर संकेत देता है। हालांकि, कुछ निवेशकों को उम्मीद है की अडानी ग्रुप इस मामले को कानूनी रूप से हल कर लेगा और शेयर बाज़ार में स्थिरता लौट आएगी। लेकिन वहीं कुछ निवेशकों का विश्वास अडानी ग्रुप से पूरी तरह उठ चुका है और इसीलिए वो अपने शेयरों को भारी मात्रा में अडानी ग्रुप की सारी कंपनियों से निकाल रहे हैं।
आगे की गिरावट
विश्लेषकों के अनुसार, अगर भारत सरकार अमेरिकी SEC की जांच में सहयोग करती है और ठोस सबूत सामने आते हैं, तो अडानी ग्रुप के शेयरों पर और दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, अगर कंपनी खुदको इन आरोपों से मुक्त साबित कर पाती है, तो दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह गिरावट एक खरीदारी का मौका भी हो सकती है। क्यूँकी जैसे ही अडानी ग्रुप अपने आप को इन आरोपों से मुक्त करेगा वैसे ही उसके स्टॉक में भारी उछाल होगी और जिन निवेशकों ने उसपर अपना सहयोग और विश्वास जारी रखा था उन्हें बड़ी मात्रा में फायदा हो सकता है।
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निष्कर्ष
अडानी ग्रुप पर अमेरिकी जांच एजेंसी की नजर और भारत सरकार से सहयोग की मांग ने बाज़ार में अनिश्चितता बढ़ा दी है। इस विषय के कारण निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है क्यूँकी इस मामले का असर न केवल अडानी ग्रुप बल्कि पूरे भारतीय बाज़ार पर पड़ सकता है। हो सकता है आगे चलके भारतीय बाज़ार में इस कंपनी के कारण लुड़काव देखने को मिले। अब सबकी नजर भारत सरकार की प्रतिक्रिया और SEC की अगली कारवाई पर टिकी है। क्यूँकी इसी के बाद निवेश का रुख बदलने की संभावनाएँ हैं।
डिस्कलमेर
इस लेख से हमारा उद्देश्य केवल आपको अडानी ग्रुप की बड़ी खबर से संबंधित जानकारी देना है इसके पश्चात इसमें आपका निवेश करना व ना करना पूरी तरह से आपकी जिम्मेदारी है।