IRFC को भारत सरकार द्वारा नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम (PSU) का दर्जा प्रदान किया गया है, जिससे कंपनी की वित्तीय और परिचालन स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण बढ़ोत्तरी हुई है। इस घोषणा के बाद मंगलवार को BSE पर भी इसके शेयरों में 3.7% की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और यह ₹115.25 के स्तर तक पहुँच गया है। इस लेख में हम विस्तार से इस स्टॉक की जानकारी को समझेंगे और देखेंगे की क्या ये सच में निवेशकों को फायदा पहुंचाएगा या फिर नहीं। इसमें हम इसकी भविष्य की संभावनाओं की बात भी करेंगे।
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IRFC की विस्तृत जानकारी
Indian Railway Finance Corporation (IRFC) भारतीय रेलवे की वित्तीय शाखा है जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी। यह कंपनी रेलवे की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और रोलिंग स्टॉक (इंजन, डिब्बे, वैगन आदि) के लिए धन जुटाने का कार्य करती है। IRFC सरकार के पूर्ण स्वामित्व वाली एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम (PSU) कंपनी है, जो रेलवे को दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
नवरत्न का दर्जा: लाभ होगा?
भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों (PSUs) को उनकी वित्तीय प्रदर्शन, रणनीतिक महत्व और परिचालन स्वतंत्रा के आधार पर महानवरत्न, नवरत्न और मिनीरत्न श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है। नवरत्न का दर्जा मिलने से IRFC को अब बड़े निवेश और विस्तार योजनाओं के लिए सरकारी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय रेलवे सेक्टर में अधिक स्वायतता और दक्षता लाने के सरकार के प्रयासों को दर्शाता है। IRFC भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय रीड़ के रूप में कार्य करती है और रेलवे की मौजूदा और भविष्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन की जिम्मेदारी संभालती है।
IRFC का वित्तीय प्रदर्शन
IRFC का वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है। कंपनी ने इस वर्ष ₹26,644 करोड़ का वार्षिक टर्नओवर दर्ज किया, जबकि कर पाश्चात लाभ (Profit After Tax) ₹6,412 करोड़ तक पहुँच गया। कंपनी की कुल नेटवर्थ ₹49,178 करोड़ है, जिससे यह भारतीय रेलवे के सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय स्तंभों में से एक बन गई है।
हालांकि, शेयर बाज़ार में हाल के महीनों में इसके शेयरों में गिरावट भी देखी गई है। जो की पूरी तरह से यह संदेश देती है की इस स्टॉक की पूरी जानकारी लिए बिना इसमें निवेश करना गलत होगा:
- पिछले छह महीनों में कंपनी के शेयरों में 35.5% की गिरावट आई है।
- पिछले एक महीने में 15.9% और एक सप्ताह में 6.8% की गिरावट दर्ज की गई है।
सरकार के विनिवेश योजना
सरकार द्वारा न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता (MPS) मानदंडों को पूरा करने के लिए IRFC में अपनी हिस्सेदारी बेचने की संभावना पर भी चर्चा हो रही है। दिसंबर तिमाही के अंत तक, सरकार की हिस्सेदारी IRFC में 86.36% थी, जिसे संभावित रूप से कम किया जा सकता है। सरकार के इस कदम से बाज़ार में अधिक तरलता (Liquidity) आएगी और संस्थागत निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
IRFC की भविष्य संभावनाएं
IRFC और IRCTC को नवरत्न दर्जा मिलने के साथ, अब कुल 26 सार्वजनिक उपक्रम (CPSEs) इस श्रेणी में आ चुके हैं। इससे पहले, Bharat Electronics Limited, Engineers India Limited, NMDC Limited और ONGC International Limited जैसी कंपनियां भी इस सूची में शामिल थीं।
सरकार के इस फैसले के बाद, IRFC को रणनीतिक विस्तार, उच्च मूल्य की परियोजनाओं में निवेश और स्वायत्त परिचालन की अनुमति मिलेगी। यह रेलवे क्षेत्र में बेहतर बुनियादी ढांचे और वित्तीय स्थिरता लाने में सहायक हो सकता है।
निष्कर्ष
IRFC को नवरत्न का दर्जा मिलने से इसकी वित्तीय और परिचालन स्वतंत्रा में वृद्धि होगी, जिससे यह बड़े रेलवे प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए अधिक सक्षम बनेगा। लेकिन यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है की कंपनी के शेयरों में हालिया गिरावट निवेशकों के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन ऐसे में ये ज़रूर कहा जा सकता है की दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह रेलवे क्षेत्र में स्थिरता और मजबूती लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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डिसक्लेमर
इस लेख से हमारा उद्देश्य केवल आपको IRFC से जुड़ी सारी जानकारी देना है, इसमें निवेश करना न करना पूरी तरह से आपकी जिम्मेदारी है।