SEBI Algo Trading Norms: Allowing Retail Investors! आ गए हैं SEBI के धमाकेदार Norms

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SEBI Algo Trading Norms तो SEBI यानि Securities and Exchange Board of India हाल ही में कुछ नए ट्रेडिंग नॉर्मस निकाले हैं, जिन्हे सुनकर शायद आपको अपने आप पर भरोसा ना हो। ऐसे कुछ 8 नियम SEBI की तरफ से जारी कीये गए हैं। आइए देखें क्या हैं वो:

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SEBI Algo Trading Norms:

1- स्वयं विकसित Algos की रेजिस्टरेशन:

SEBI का कहना है की तकनीक प्रेमी रिटेल निवेशक जो ट्रेडिंग के लिए अपना खुद का algorithm डिवेलप करते हैं उनको अब से अपने algos को ब्रोकर के माध्यम से एक्सचेंजेस के साथ रेजिस्टर करना होगा। साथ ही, जो algo प्रोवाइडर हैं उनको भी एक्सचेंजेस के साथ empaneled होना पड़ेगा, यानि उन्हे एक्सचेंज के साथ पंजीकृत करना होगा और अधिकृत सूची में शामिल होना पड़ेगा। ये सब algo trading को आसान बनाने और सही चेक और बेलेन्स बनाए रखने के लिए किया गया है।

2- Algo Trading की इजाज़त:

SEBI Algo Trading Norms में SEBI ने साफ शब्दों में कहा है की कोई भी स्टॉक ब्रोकर तभी अपनी Algo Trading की सुविधा को दे सकता है जब उसके algo के लिए एक्सचेंज की इजाज़त मिले। यहाँ तक की कंसलटेशन पेपर में तो ये भी कहा गया है की algo के नए नियम के अंदर सही सुरक्षा उपायों के साथ खुदरा निवेशकों (retail investors) के लिए algo trading में हिस्सा लेना आसान बनाया जाएगा।

3- Algo Trading की ज़रूरत:

SEBI का कहना है की Algo Trading की बढ़ती मांग खास कर खुदरा निवेशकों के बीच एक नए और बेहतर सुव्यवस्थित नियमावली की आवशक्यता महसूस करती है। इस नई नियमावली से निवेशकों के हितों के साथ-साथ बाजार की अखंडता भी सुरक्षित रहेगी।

4- Algo Trading का रोल और empanelment का तरीका:

SEBI Algo Trading Norms में ये भी कहा गया है की जो Algo प्रोवाईडर्स, ब्रोकर्स की APIs का इस्तेमाल करके Algo ऑर्डर्स लगाते हैं उन्हे अब एक्सचेंज के साथ empaneled भी होना पड़ेगा। एक्सचेंज इस प्रक्रिया और नियमों को तय करेगा ताकि Algo ऑर्डर्स पर बेहतर निगरानी रखी जा सके और सिस्टम को मजबूत बनाया जा सके।

5- स्वयं विकसित एलगो और परिवार का प्रयोग:

जो निवेशक खुद के बनाए Algo का इस्तेमाल करते हैं उन्हे अपने Algo को एक्सचेंज के साथ रजिस्टर करवाना होगा और उसके लिए उनके ब्रोकर्स मदद करेंगे। ये Algo उनके परिवार, जैसे: पति, पत्नी, आशर्ती बच्चे और माता पिता के लिए भी उपयोग कीये जा सकते हैं।

6- स्टॉक ब्रोकर का रोल:

SEBI Algo Trading Norms के कंसलटेशन पेपर में कहा गया है की स्टॉक ब्रोकर्स को एक मुखिया या प्रिंसिपल के रूप में और Algoप्रोवाइडर्स को एजेंट की तरह माना जाएगा। ब्रोकर के APIs से जो भी ऑर्डर आएंगे उन्हे algo ऑर्डर के रूप में वर्गीकृत करना होगा और हर ऑर्डर को युनीक आइडेंटिफिफाइर के साथ टैग करना होगा जो स्टॉक एक्सचेंज देने का काम करेगा।

7- ओपन APIs पर प्रतिबंध और नियम:

ओपन APIs को अनुमति नहीं दी जाएगी, यानि हर क्लाइंट और वेन्डर के लिए यूनीक API Key और Static IP एड्रेस को whitelist करना होगा ताकि पहचान और traceability सुनिश्चित हो।

8- एडिशनल चेक जो ब्रोकर को सुनिश्चित करने होंगे:

SEBI Algo Trading Norms में एडिशनल चेक की बात की गई है:

  • Algo ऑर्डर को जाँचने और केटेगराईस करने के लिए ब्रोकर्स के पास सिस्टम होने चाहिए।
  • ओपन औथेनटिकेशन (OAuth) 3 बेस्ड औथेनटिकेशन का प्रयोग किया जाएगा बाकी सारे औथेनटिकेशन मेथड्स को बंद कर दिया जाएगा।
  • API को एक्सेस के लिए टू-फैक्टर-औथेनटिकेशन ज़रूरी होगा।
  • सिर्फ empaneled algo प्रोवैडर्स के साथ ही डील करना होगा।
  • algo से जुड़ी शिकायतों को संभालने की ज़िम्मेदारी भी ब्रोकर्स की होगी।

ये इसीलिए जारी किया जा रहा है ताकि algo trading में ट्रांसपेरेंसी बढ़े और निवेशक सुरक्षा हो और algorithm प्रेक्टिसेस सही तरीके से रेग्युलेट हों।

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डिसक्लेमर:

क्यूंकी हम कोई सेबि अप्रूव्ड पंजीकृत वेबसाइट नहीं हैं इसीलिए आप अपने निवेश के लिए खुद पूरी तरह से ज़िम्मेदार होंगे, हमारा काम केवल आपको यहाँ पर SEBI Algo Trading Norms से जुड़ी सही और लीगल जानकारी देना है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अदिति है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

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