ये स्टॉक मंदी में भी देंगे जबरदस्त मुनाफा

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भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, इस गिरावट के मुख्य कारण अभी सामने नहीं आए हैं लेकिन वैश्विक बाजारों में कमजोरी, अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और घरेलू बाज़ार में निवेशकों की सतर्कता को गिरावट के मुख्य कारण बताया जा रहा है। आइए देखें की इस गिरावट से में वो कौनसे सेक्टर और स्टॉक हैं जिनमें निवेश करने से गिरावट में भी आपको मुनाफा ही मिलेगा। खास बात ये है की इस लेख में हमने निवेशकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए हैं, जिनसे आप गिरावट के समय भी ऊंचाई पर रह सकते हैं।

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सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट

आज सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन, सेंसेक्स 203.22 अंक यानि 0.27% गिरकर 75,735.95 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 19.75 अंक यानि 0.09% गिरकर 22,913.15 पर बंद हुआ। निफ्टी 22,950 के स्तर से नीचे बंद हुआ, जो बाज़ार में कमजोर निवेश धारणा को दर्शाता है। बाज़ार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जिसका मुख्य कारण साप्ताहिक निफ्टी 50 F&O शृंखला की समाप्ति और विदेशी निवेशकों (FII) की बिकवाली रही।

इन सेक्टरों में आया भारी नुकसान

बाज़ार में विभिन्न सेक्टरों ने मिश्रित प्रदर्शन किया। जैसे बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और आईटी शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, जबकि मेटल, PSU बैंक और तेल एंव गैस सेक्टर ने मजबूती दिखाई। आइए इन सबही को विस्तार से समझें।

बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र: प्रमुख बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों के शेयरों में कमजोरी देखने को मिली। वैश्विक आर्थिक मंडी की आशंका और ब्याज दरों में बदलाव को लेकर निवेशकों की सतर्कता बनी रही।

IT सेक्टर: IT शेयरों में कमजोरी दर्ज की गई जिसका मुख्य कारण अमेरिकी बाजारों में अस्थिरता और टेक्नोलॉजी शेयरों में बिकवाली रही।

मेटल और तेल एंव गैस सेक्टर: इस क्षेत्र में मजबूती देखने को मिली क्यूँकी कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता और धातु की मांग बढ़ने से इन शेयरों को समर्थन मिला।

मुनाफे वाले शेयर

जहां प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखने को मिली, वहीं मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों ने इस गिरावट में बेहतर प्रदर्शन किया।

  • S&P BSE मिड-कैप इंडेक्स 1.18% चढ़ा।
  • S&P BSE स्मॉल-कैप इंडेक्स में 1.32% की बढ़त दर्ज की गई।

बाज़ार में 2,668 शेयरों में तेजी रही, जबकि 1,274 शेयरों में गिरावट देखी गई। इससे संकेत मिलता है की खुद निवेशकों की खरीदारी जारी है, लेकिन प्रमुख इंडेक्स में कमजोरी दिख रही है।

बाजारी प्रदर्शन पर वैश्विक संकेत

भारतीय शेयर बाज़ार पर वैश्विक कारकों का गहरा असर पड़ा है आइए देखें ये किस तरह रहे:

अमेरिकी टैरिफ नीतियों को लेकर अनिश्चितता: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा ऑटोमोबाइल, फार्मासियूटिकल और सेमीकंडक्टर उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने बाज़ार में चिंता बढ़ा दी है।

फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति: फेडरल रिजर्व की हालिया बैठक के मिनट्स में संकेत दिया गया की ब्याज दरों में तत्काल कटौती की संभावना कम है। इस फैसले से वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी हुई है।

एशियाई बाजारों में गिरावट: जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली, जिससे भारतीय बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ा।

निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव

बाज़ार की मौजूदा गिरावट से कई निवेशक असमंजस में हैं, इसलिए हम उनके लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव लाये हैं:

  • लॉंग-टर्म निवेशकों के लिए मौका: बाज़ार में गिरावट के दौरान मजबूत कंपनियों में लॉंग-टर्म निवेश करने का यह सही समय हो सकता है।
  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए सतर्कता जरूरी: बाज़ार में अस्थिरता को देखते हुए शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और उच्च अस्थिरता वाले स्टॉक्स से बचना चाहिए।
  • बैंकिंग और IT सेक्टर पर नजर: बैंकिंग और IT सेक्टर में सुधार की संभावना बनी हुई है, लेकिन निवेशकों को इन सेक्टर्स में घबराहट में बिकवाली से बचना चाहिए।

बाज़ार में गिरावट जारी रहेगी?

विश्लेषकों का मानना है की बाज़ार में गिरावट का यह दौर कुछ और समय तक जारी रह सकता है, खासकर तब तक जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहती है। हालांकि, मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में मजबूती यह संकेत देती है की खुदरा निवेशकों का भरोसा अभी भी बना हुआ है। अगले कुछ दिनों में भारतीय बाज़ार की दिशा वैश्विक संकेतों, विदेशी निवेशकों की गतिविधियों और घरेलू आर्थिक नीतियों पर निर्भर करेगी। निवेशकों को सतर्क रहते हुए अपने निवेश निर्णय लेने चाहिए और बाज़ार के अगले संकेतों का इंतजार करना चाहिए।

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निष्कर्ष

तो इस तरह हमने बात करी की कैसे शेयर बाज़ार में गिरावट की रफ्तार दिन पर दिन बढ़ रही है, लेकिन इसी के साथ हमने इस बात पर भी चर्चा कड़ी की कौनसे सेक्टरों में भारी नुकसान देखा गया और और इस गिरावट को लेकर वैश्विक संकेतों का क्या कहना है। आशा है की आपको ये लेख पसंद आया हो, हमें अपनी राय कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

डिसक्लेमर

इस लेख से हमारा उद्देश्य केवल आपको हाल ही में आई गिरावट से संबंधित जानकारी देना है।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अदिति है। मैं एक कंटेंट राइटर हूं। मुझे फाइनेंस जगत से जुड़े विषयों पर ब्लॉग लिखना काफी पसंद है। मेरा उद्देश्य यह है कि सही जानकारी को हिंदी में जल्द से जल्द उपलब्ध कराना है।

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