भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए गोपनीय जानकारी यानि Unpublished Price Sensitive Information (UPSI) के नियमों को और सख्त कर दिया है। पहले केवल 5 प्रकार की जानकारियाँ UPSI की श्रेणी में आती थीं, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 16 कर दिया गया है। आइए देखें कौनसी हैं ये जानकारियाँ, और किस प्रकार से ये निवेशकों के काम आएंगी।
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UPSI के नियमों से कंपनियों के लिए यह स्पष्ट हो जाएगा की किन जानकारियों को सार्वजनिक किया जाना है और कौन सी गोपनीय रखी जानी चाहिए। नए नियमों के तहत:
- अब कंपनियों की फंड जुटाने की योजनाएं, क्रेडिट रेटिंग में बदलाव, प्रबंधन या मालिकाना हक में परिवर्तन, दिवालियापन की प्रक्रिया, बैक लोन का वन-टाइम सेटलमेंट या पुनर्गठन जैसी जानकारियाँ UPSI में शामिल होंगी।
- इसके आलावा, अगर कोई कंपनी, प्रमोटर या डायरेक्टर किसी धोखाधड़ी या डिफ़ॉल्ट में शामिल होते हैं या उनकी गिरफ़्तारी होती है, तो यह भी अब UPSI के तहत आएगा।
- साथ ही, फोरेंसिक ऑडिट की शुरुआत या उसकी रिपोर्ट, सरकार या कोर्ट के बड़े आदेश और आवश्यक लाइसेंस या अनुमतियों की स्वीकृति या रद्दीकरण जैसी जानकारियाँ भी अब गोपनीय मानी जाएंगी।
- इसके अलावा, अगर कोई गोपनीय जानकारी लीक होती है, तो कंपनियों को अपनी ट्रेडिंग विंडो बंद करने की जरूरत नहीं होगी
- एक और बदलाव यह हुआ है की कंपनियों को UPSI डेटा दर्ज करने के लिए अब दो दिन का समय मिलेगा। इस बदलाव का निवेशकों के लिए भी विशेष महत्व है, क्यूँकी इससे शेयर बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने में मदद मिलेगी।
इस बदलाव का उद्देश्य कंपनियों को अधिक स्पष्टता देना है, जिससे उन्हें पता चले की कब किसी जानकारी को सार्वजनिक किया जाना चाहिए और कब इसे गोपनीय रखना आवश्यक है। इससे पहले कई कंपनियां कानूनी मामलों में यह तर्क देती थीं की कोई जानकारी UPSI के तहत आती है या नहीं, लेकिन अब इस स्पष्टता से न्यायिक विवादों में भी कमी आएगी। । इससे निवेशकों का विश्वास भी मजबूत होगा क्यूँकी कंपनियों को अब अधिक जिम्मेदारी और नियमों के तहत कार्य करना होगा। नए नियम 10 जून 2025 से लागू होंगे और सभी कंपनियों को इनका पालन करना अनिवार्य होगा।
इस बीच, बाज़ार में कई दिलचस्प गतिविधियां भी देखने को मिली हैं। टाटा स्टील और हिंडाल्को को लेकर ग्लोबल ब्रोकरेज ने सकारात्मक रुख अपनाया है और इन कंपनियों के शेयरों में 19% तक की संभावित बढ़ोत्तरी का अनुमान जताया गया है। वहीं, रक्षा क्षेत्र के एक सार्वजनिक उपक्रम स्टॉक को ग्लोबल ब्रोकरेज ने “बाय” रेटिंग दी है और इस स्टॉक ने पिछले 5 वर्षों में 1103% का रिटर्न दिया है। अब इसमें 29% और बढ़त की संभावना जताई जा रही है। दूसरी ओर, टेसला और स्टारलिंक से जुड़ी डील के बाज बाज़ार में यह चर्चा है की एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के शेयरों में तेजी आएगी, जिसके लिए निवेशकों को पहले टेक्निकल चार्ट देखने की सलाह दी जा रही है।